Engaging Introductions: Capturing Your Audience’s Interest
मोहब्बत में हर इंकार , का मतलब ना ही नहीं होता। कई बार हालात , इकरार के कदम रोक देते है. इसी ख्याल के इर्द गिर्द मोहब्बत का अफसाना गढ़ते मशहूर टीवी पत्रकार, स्क्रीन राइटर, और लिरिसिस्ट Avinash Tripathi ने जज़्बात को कलम से ढाला और ‘छलकी छलकी आँखों में इंकार जो होता है , बन गया. क्रिसमस और नए साल के मिजाज़ को देखते हुए मशहूर कंपोजर अभिषेक रे ने इसे वेस्टर्न अर्रेंज्मेंट्स से सजाकर ब्लू जैज़ का अंदाज़ दे दिया.
बेहद सुरीली आवाज़ के मालिक शान ने इस अपनी आवाज़ देकर इसमें क्रिसमस के रंग घोल दिए कल हुए लाइव सेशन में मीडिया से मुखातिब होते हुए गीतकार Avinash Tripathi ने बताया की अभिषेक की इस बेहद खूबसूरत वेस्टर्न धुन पर खालिस हिन्दुस्तानी गाना लिखना और भी मोहब्बत और जज़्बातो से भरा बेहद मुश्किल था. गाने की धुन में एक ऐटिटूड भी था जो शब्दों में भी बुनना था.
यही पर ‘रुख कोई भी चुन लो , मंज़िल होगी हम तक, अब्र कोई भी चुन लो, होगी मेरी फलक ‘ लिखा गया. अभिषेक ने बताया कोई सालो से भारतीय म्यूजिक कैनवास पर कोई जाज गाना नहीं आया था और उस वैक्यूम को फइलल करने के लिए इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता था. भी इस बहुत अलग गाना अपने सबसे पसंदीदा गाना भी. शान ने भी ये भी कहा ये उनके अपने जॉनर से बहुत अलग था लेकिन गाने की लिरिक्स और म्यूजिक दोनों ही उनको पसंद आ गयी। गाना यूट्यूब पर कल मीडिया के सामने लांच हुआ